अगर आप भी एक किसान हैं और आप के खेत में फूल या डीपी लगी हुई है तो आप धारा 57 के तहत विद्युत अधिनियम का फायदा ले सकते हैं कन्या किसान महाराष्ट्र राज्य इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड को जानते हैं परंतु उसका फायदा नहीं ले पाते हैं जिसका आज हमने इस लेख में आपको संपूर्ण जानकारी देंगे
हम आपको इसलिए के अंतर्गत धारा 57 के बारे में बताएंगे इसके लिए आपको अंत तक इस देश को पढ़ना होगा आपको महाराष्ट्र राज्य विद्युत बोर्ड को लिखित आवेदन देना होगा उसके 30 दिनों के भीतर आपको प्राप्त होगा अगर ऐसा नहीं होता है तो कानून के अनुसार आपको पैसे का मुआवजा दिया जाएगा इस को सरल भाषा में समझते हैं
30 दिन में कनेक्सन नही तो मिलेगा मुआवजा
कंपनी आपको 48 घंटों के भीतर ट्रांसफॉर्मर को सही कर कर देगी अगर उसमें कोई खराबी होती है तो अगर ऐसा नहीं होता है तो महाराष्ट्र राज्य इलेक्ट्रिक बोर्ड अधिनियम के तहत 50 रुपए का सुझाव दिया जाएगा किसान विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 57 और अनुसूची क्रमांक 30(1) के अनुसार किसान अपना स्वयं का मीटर लगा सकता है जबकि उसे कंपनी के मीटर पर भरोसा करना होगा
अगर बिजली कंपनी किसी दूसरे के खेत में अगर बिजली ले जाना चाहती है और वहां स्टेशन ट्रांसफॉर्म डीपी या फिर फोन लगाती है तो कंपनी के साथ भूमि का किराया समझौता किया जाता है इसके तहत किसान को 2000 से ₹5000 का मिल किराया मिलता है अगर किसान ने एनओसी या अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया है तो बिजली कंपनी किराया नहीं वसूल सकती है
हमने आपको इस लेख के अंतर्गत धारा 57 के बारे में बताएं जिसमें आप अगर आपके खेत में बिजली कंपनी ट्रांसफार्मर या डीपी फोन लगाती है तो आप अपना किराया ले सकते हैं साथी लिखित आवेदन देकर 30 दिनों के भीतर आपको कनेक्शन लिया जाएगा ऐसा नहीं होने पर आप कंपनी से मुआवजा ले सकते हैं