Sharab Ke Bhav Me Badlav :- अब शराबियो की मोज होने जा रही है क्यों की प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिह चोहान ने शराब के भाव में कटोती करने का फेसला लिया है, बता दे की सरकार को देसी शराब से लगभग 350 करोड़ का फायदा होने वाला है, प्रदेश में हर वर्ष लगभग ढाई करोड़ पेटी देसी शराब को बेचीं जाती है साथ ही प्रदेश में शराब बेचने का कार्य 11 डिस्टलरियों के पास होता है जिससे मोनोपॉली होने के बाद शराब को महंगे भाव में बेचीं जाती है जिससे सरकार को अधिक फायदा नही होता है,
प्रदेश सरकार ने मोनोपॉली को ख़त्म कर दिया है, इससे से शराब बेचने वाली 8 डिस्टलरी सीधे इस रेस से बहार हो जायेंगे, जिससे प्रदेश के केवल 3 डिस्टलरी के ग्रुप 95% देसी शराब का उत्पादन कर पाएंगे,
Sharab Ke Bhav Me Badlav :- इस फेसले से सरकार एवं शराब उपभोक्ताओ को मुनाफा देखने को मिलेगा, साथ ही नए टेंडर में कीमतें 120 प्रति पेटी की कमी दर्ज की गई है, वही खरीदी के भाव में कटोती और ठेकेदार के भाव फिक्स होने के बाद 350 करोड़ रुपए का मार्जिन सरकार के पास चला जायेगा
555 रुपए की शराब 402 रुपए हुई
राज्य में मोनोपॉली होने के बाद सभी पटिया महंगी हो गई थी जिसके बाद 11 डिस्टलरी सिंडिकेट की कीमत तय करती थी जिस के बाद देसी शराब प्लेन की पेटी 472 ए 555 रुपए मसाला हुई थी, अब खुली प्रतिस्पर्धा होने से तीन ग्रुप ने 377, 390 और 402 रुपए में पेटी के दाम भरे गए है वही 39 जिले में कम दाम होने के कारण केडिया समूह में मिलेगा,
Sharab Ke Bhav Me Badlav :- इस रेस में सोम डिस्टलरी, अग्रवाल डिस्टलरी, एलकोब्रो ग्वालियर, ओएसिस डिस्टलरी, विंध्याचल डिस्टलरी, डीसीआर डिस्टलरी, ग्वालियर डिस्टलरी और गुलशन पोल्योल्स बहार हुई है
शराबियो की हुई मोज और सरकार का फायदा
शराब को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के बिच जंग छिड़ी हुई है, सरकार का खाजन शराब की वजह से ही भरता है साथ ही अच्छी कमाई का ये ही शादान है सरकार की नई आबकारी नीति 2022-23 से सरकार का खजाना भरने वाला है, साथ ही देशी शराब की दुकान पर अब विदेशी शराब भी रखी जा सकती है साथ अनेक संशोधन भी किए गए है,
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